जागता झारखंड ब्यूरो।

पाकुड़। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पाकुड़ का एक प्रतिनिधिमंडल आज पाकुड़ पहुंचे महामहिम राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन जी से मिला। प्रतिनिधि मंडल के द्वारा राज्यपाल महामहिम जी को सिद्धू कानू मुर्मू विश्वविद्यालय एवं इसके अंतर्गत केकेएम महाविद्यालय के विभिन्न शैक्षणिक मुद्दों पर ज्ञापन दिया गया।
अभाविप द्वारा निम्नांकित बिंदुओं पर महामहिम का ध्यान आकृष्ट कराते हुए झारखंड सरकार एवं सिद्धू कानू मुर्मू विश्वविद्यालय को कार्यवाही के लिए निर्देशित करने हेतु ज्ञापन दिया गया:-
•स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति :- पाकुड़ ज़िले के कुमार कालिदास मेमोरियल महाविद्यालय में लगभग विगत 5 वर्षों से स्थाई प्राचार्य नहीं है। महामहिम से आग्रह है कि महाविद्यालय की सर्वांगीण विकास एवं शैक्षणिक वातावरण को सुदृढ़ करने के लिए स्थाई प्राचार्य हेतु विश्वविद्यालय को तत्काल निर्देशित किया जाए।
•विषयवार शिक्षकों की उपलब्धता :- कुमार कालिदास मेमोरियल महाविद्यालय में अंग्रेजी, गणित, भौतिकी, संस्कृत सहित कई ऐसे विषयों में एक भी शिक्षक नहीं है। जिले के लगभग 3000 विद्यार्थीयों की शिक्षकों की उपलब्धता ना होने के कारण पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। विषयवार शिक्षकों की उपलब्धता जल्द सुनिश्चित हो इसके लिए विश्वविद्यालय को निर्देशित किया जाए।
•बी•एड हेतु शुल्क वृद्धि का आदेश वापस:- संथाल परगना आर्थिक रूप से झारखंड के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक है। पूर्व में b.ed हेतु विश्वविद्यालय द्वारा ₹88000 शुल्क लिया जाता था जो अब बढ़ाकर ₹150000 कर दिया गया है। विश्वविद्यालय का ऐसा निर्णय संथाल परगना क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा से वंचित रखने का प्रयास प्रतीत होता है। विद्यार्थी परिषद महामहिम से विश्वविद्यालय द्वारा शुल्क वृद्धि के निर्णय को वापस लेने हेतु निर्देशित करने का आग्रह करती है।
•स्नातकोत्तर, कॉमर्स एवं कानून की पढ़ाई :- पाकुड़ झारखंड का सबसे कम साक्षरता दर वाला जिला है। स्नातक के बाद की पढ़ाई से जिले के लगभग 10000 छात्र प्रत्येक वर्ष वंचित रह जाते हैं जिसका प्रमुख कारण है पाकुड़ की एकमात्र महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई ना होना। स्नातकोत्तर हेतु सबसे नजदीकी विकल्प के रूप में दुमका एवं साहिबगंज जिला कि महाविद्यालय आते हैं जो पाकुड़ से लगभग 110 किलोमीटर दूर है। इस परिस्थिति में जिले के विद्यार्थी विशेष रूप से जनजातीय छात्र-छात्राएं पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। यथाशीघ्र कुमार कालिदास मेमोरियल महाविद्यालय में स्नातकोत्तर कॉमर्स एवं कानून की पढ़ाई आरंभ हो इस हेतु विश्वविद्यालय को निर्देशित किया जाए
•सत्र:- कोरोना के पश्चात से ही विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र काफी विलंब से चल रहे हैं महामहिम से आग्रह है सत्र को चरणबद्ध तरीके से जल्द नियमित व इसके लिए विश्वविद्यालय को निर्देशित किया जाए।
•विश्वविद्यालय में छात्रों से लिए जाने वाले विकास शुल्क विद्यार्थी हित के मद में ही खर्च हो यह सुनिश्चित करने के लिए कुलपति को निर्देश दी जाए एवं छात्र मध्य के पैसों का ऑडिट करा कर उसे छात्रों के बीच सार्वजनिक की जाए।
•विश्वविद्यालय में विगत कई वर्षों से प्रशासनिक पदाधिकारियों की नियुक्ति लंबित है जिस कारण विश्वविद्यालय के कार्यों पर प्रतिकूल असर दिख रहा है अतः रिक्त पदों पर अभिलंब नियुक्ति की जाए।
•आम छात्रों के लिए छात्रावास :- पाकुड़ जिले में जिला केंद्र पर महाविद्यालय स्थित होने के कारण जिले के सभी प्रखंडों से लगभग 2000 छात्रों को जिला केंद्र पर आकर रहना पड़ता है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए यह संभव नहीं है अतः अभाविप महामहिम से झारखंड सरकार को सामान्य छात्रावास के निर्माण हेतु निर्देशित करने का आग्रह करती है।
जिला संयोजक गुंजन तिवारी एवं विभाग संयोजक अमित साहा जी ने बताया कि राज्यपाल महोदय के द्वारा विद्यार्थी परिषद के ज्ञापन पर सकारात्मक पहल करते हुए विश्वविद्यालय को निर्देशित करने का भरोसा दिया गया है। अभाविप के शिष्टमंडल में जिला समिति के सदस्य राहुल मिश्रा जी, मिलन रूज जी, विकास दास जी, विशाल भगत जी, जिला केंद्र के नगर मंत्री प्रदीप मिश्रा जी एवं हिरणपुर इकाई के नगर मंत्री सुरोजित मंडल जी महाविद्यालय मंत्री दुलाल चंद्र दास जी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुमित पांडे जी एवं अंकित साहा जी, एस एस डी प्रमुख सानू रजक शामिल थे।

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